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हिमाचल में निगमों-बोर्डों के अध्यक्ष-उपाध्यक्षों के मानदेय में 50 हजार की बढ़ोतरी, पहले मिलते थे 30 हजार


➤ निगमों और बोर्डों के अध्यक्ष-उपाध्यक्षों के मानदेय में 50 हजार की बढ़ोतरी
➤ अब 80 हजार मासिक मानदेय, साथ में कई भत्ते भी मिलेंगे
➤ वित्त विभाग ने सभी विभागों को संशोधित आदेश जारी किए



हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए निगमों और बोर्डों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के मानदेय और भत्तों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी कर दी है। अब तक ये पदाधिकारी जहां 30 हजार रुपये मासिक मानदेय प्राप्त करते थे, वहीं अब इसे 50 हजार रुपये बढ़ाकर कुल 80 हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है
वित्त विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार इस बढ़ोतरी के साथ-साथ अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी की गई है। अब अध्यक्ष और उपाध्यक्षों को 25 हजार रुपये का हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए), 3500 रुपये सत्कार भत्ता, 2500 रुपये वाहन भत्ता तथा 900 रुपये टेलीफोन भत्ता प्रति माह मिलेगा। इसके अलावा लैंडलाइन फोन का खर्च भी वास्तविक व्यय के आधार पर प्रतिपूर्ति किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया वित्त विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार होगी।
इससे पहले राज्य के भीतर यात्रा पर दैनिक भत्ते के रूप में 250 रुपये प्रति दिन और राज्य से बाहर यात्रा पर 400 रुपये प्रति दिन मिलते थे। अब यह नया संशोधित ढांचा लागू होने से इन पदाधिकारियों को कुल मानदेय और भत्तों के रूप में एक लाख से अधिक की मासिक आर्थिक सुविधा प्राप्त होगी।
प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि इस विषय में पहले एकरूपता नहीं थी और मानदेय कम होने का मुद्दा कई अध्यक्षों और उपाध्यक्षों ने सरकार के समक्ष उठाया था। अब सरकार ने इसे राज्य हित और पदाधिकारियों की जिम्मेदारियों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए संशोधित किया है
सरकार के इस फैसले पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। जहां कुछ लोग इसे पदाधिकारियों के मनोबल को बढ़ाने वाला कदम मान रहे हैं, वहीं कुछ हलकों में इस बढ़ोतरी पर वित्तीय बोझ बढ़ने की आशंका भी व्यक्त की जा रही है। लेकिन सरकार का कहना है कि इन पदों पर कार्यरत लोग महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाते हैं, ऐसे में यह संशोधन उनकी कार्यकुशलता और सम्मान बनाए रखने के लिए जरूरी था।